छंद गीत #हिंदी दिवस प्रतियोगिता लेखनी -18-Sep-2022

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निराकारी (गीता छंद ) ****************** पत्थर रहे हैं पूजते,  मन में  भरे हैं भाव। प्रभु तुम निराकारी भले,  डूबे न अपनी नाव।। यह मन निराकारी हुआ,  सपने लिए आकार। जब ठान ...

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